नीमच: मध्य प्रदेश के नीमच स्थित शासकीय अफीम एवं क्षारोद कारखाने ने फसल वर्ष 2024-25 के अफीम परीक्षण में एक नया रिकॉर्ड कायम किया है। कारखाने ने इस वर्ष 53 हजार से अधिक किसानों की अफीम का अभूतपूर्व तेजी से परीक्षण कर एक नया इतिहास रच दिया है। यही नहीं अफीम परीक्षण की प्रक्रिया के दौरान गड़बड़ी करने वाले बिचौलियों और दलाल से भी किसानों को छुटकारा दिलाया है।
केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो के अफीम तौल केंद्रों से आई अफीम का आधुनिक OCTA प्रणाली से परीक्षण मात्र 20 दिनों में पूरा कर लिया गया है। इस वर्ष राजस्थान की तीन अतिरिक्त डिविजनों की अफीम भी इसी कारखाने में सफलतापूर्वक जांची गई। पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष किसानों की संख्या में भारी वृद्धि हुई, गत वर्ष तक 37 हजार अफीम लाइसेंसी किसान थे जबकि इस बार 53 हजार किसानों की अफीम तोल के लिए नीमच आई। यह बढ़ोतरी इसलिए हुई कि जिन तीन डिवीजन के अंतर्गत अफीम परीक्षण के लिए गाजीपुर जाती थी वह भी इस बार नीमच भेजी गई। नई प्रक्रिया में प्रतिदिन औसतन 2650 किसानों की अफीम का परीक्षण किया गया और एक ही दिन में रिकॉर्ड 4000 किसानों की अफीम जांची गई।
कारखाने के महाप्रबंधक डॉ. संजय कुमार के कुशल नेतृत्व में यह कार्य अत्यंत पारदर्शिता और दक्षता के साथ संपन्न हुआ। जिससे किसानों को अपनी उपज का परिणाम तुरंत मिला और वे बिचौलियों के चंगुल से मुक्त हुए। यही नहीं पहले अफीम परीक्षण की लेब टेस्ट और अन्य उबाऊ प्रक्रिया थी, अब यह नई प्रक्रिया आत्मनिर्भर भारत की दिशा में भी बड़ा कदम है। 20 दिन की अवधि में सभी किसानों की अफीम का तोल, परीक्षण के बाद भुगतान भी कर दिया गया। किसानों में इस त्वरित प्रक्रिया को लेकर प्रसन्नता है।
जानकारों का मानना है कि नीमच अफीम कारखाने ने अपनी कार्यप्रणाली में सुधार कर किसानों के बीच एक विश्वसनीय और पारदर्शी छवि बनाई है। इस वर्ष का रिकॉर्ड उत्पादन और तेज परीक्षण प्रक्रिया निश्चित रूप से एक बड़ी उपलब्धि है और किसानों के लिए बड़ी राहत की खबर है।
देश : नीमच अफीम कारखाने ने रचा इतिहास - रिकार्ड समय में 53 हजार किसानों की अफीम का परीक्षण और भुगतान
नीमच: मध्य प्रदेश के नीमच स्थित शासकीय अफीम एवं क्षारोद कारखाने ने फसल वर्ष 2024-25 के अफीम परीक्षण में एक नया रिकॉर्ड कायम किया है। कारखाने ने इस वर्ष 53 हजार से अधिक किसानों की अफीम का अभूतपूर्व तेजी से परीक्षण कर एक नया इतिहास रच दिया है। यही नहीं अफीम परीक्षण की प्रक्रिया के दौरान गड़बड़ी करने वाले बिचौलियों और दलाल से भी किसानों को छुटकारा दिलाया है।
केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो के अफीम तौल केंद्रों से आई अफीम का आधुनिक OCTA प्रणाली से परीक्षण मात्र 20 दिनों में पूरा कर लिया गया है। इस वर्ष राजस्थान की तीन अतिरिक्त डिविजनों की अफीम भी इसी कारखाने में सफलतापूर्वक जांची गई। पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष किसानों की संख्या में भारी वृद्धि हुई, गत वर्ष तक 37 हजार अफीम लाइसेंसी किसान थे जबकि इस बार 53 हजार किसानों की अफीम तोल के लिए नीमच आई। यह बढ़ोतरी इसलिए हुई कि जिन तीन डिवीजन के अंतर्गत अफीम परीक्षण के लिए गाजीपुर जाती थी वह भी इस बार नीमच भेजी गई। नई प्रक्रिया में प्रतिदिन औसतन 2650 किसानों की अफीम का परीक्षण किया गया और एक ही दिन में रिकॉर्ड 4000 किसानों की अफीम जांची गई।
कारखाने के महाप्रबंधक डॉ. संजय कुमार के कुशल नेतृत्व में यह कार्य अत्यंत पारदर्शिता और दक्षता के साथ संपन्न हुआ। जिससे किसानों को अपनी उपज का परिणाम तुरंत मिला और वे बिचौलियों के चंगुल से मुक्त हुए। यही नहीं पहले अफीम परीक्षण की लेब टेस्ट और अन्य उबाऊ प्रक्रिया थी, अब यह नई प्रक्रिया आत्मनिर्भर भारत की दिशा में भी बड़ा कदम है। 20 दिन की अवधि में सभी किसानों की अफीम का तोल, परीक्षण के बाद भुगतान भी कर दिया गया। किसानों में इस त्वरित प्रक्रिया को लेकर प्रसन्नता है।
जानकारों का मानना है कि नीमच अफीम कारखाने ने अपनी कार्यप्रणाली में सुधार कर किसानों के बीच एक विश्वसनीय और पारदर्शी छवि बनाई है। इस वर्ष का रिकॉर्ड उत्पादन और तेज परीक्षण प्रक्रिया निश्चित रूप से एक बड़ी उपलब्धि है और किसानों के लिए बड़ी राहत की खबर है।