परिवहन, खनिज एवं पुलिस की अनदेखी से सड़कों पर पत्थरो से भरे ओवर लोड टेक्टर दौड़ने लगे
सिंगोली। चंद पैसों के लोभ के फेर में कुछ लोग आमजन के जीवन को खतरे में डालने से बाज नही आ रहे है । कृषि उपयोग के लिये रजिस्टर्ड टेक्टर ट्रालियां में क्षमता से कई गुना ज्यादा पत्थर भरकर राजस्थान की खदानों से सिंगोली तरफ़ परिवहन किया जा रहा है ।
विगत दिनों दो मासूम स्कूली छात्र जो अपने परिवार के इकलौते चिरागो को इन पत्थर से भरे ओवरलौड़ टेक्टरों ने उन्हें मौत के घाट उतार दिया था ।
लेकिन इस सबसे बेखबर परिवहन , खनिज व पुलिस विभाग चेन की नींद सोये हुए है ।
गंभीर बात यह है कि
ऐसे ओवरलोड टेक्टर पूरी सड़क को घेर के चलते है जिससे पीछे चलने वाले वाहन चालको को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है । वही सड़क सहारे जाने वाले राहगीरों के साथ पुनः कोई बड़ा हादसा होने का खतरा बना रहता है ।लेकिन इन सबके बावजूद जिम्मेदार पुलिस ,खनिज एवं परिवहन विभाग को ऐसे वाहन नजर नही आते है ।
आजकल राजस्थान कास्या से सिंगोली की ओर मुख्य सड़क पर अल सुबह या रात के अंधेरे में ओवरलौड़ टेक्टर पुनः यमदूत बनकर दौड़ने लगे है ।
ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि हादसों का खतरा बने ऐसे ओवर लौड़ टेक्टर प्रशासन को कब दिखाई देंगे और कृषि के नाम पर व्यवसायिक इस्तेमाल कर राजस्व को चुना लगा रहे ऐसे वाहनों से इन सड़कों और लोगो को कब निजात मिलेगी। ग्रामीणों का खुले रूप से आरोप है कि
पुलिस, खनिज ओर परिवहन विभाग की उदासीनता के चलते ओवरलोड ट्रैक्टर-ट्राली सड़कों पर बेलगाम होकर मौत बनकर दौड़ रही है। दिन छिपते ही सिंगोली क्षेत्र में ओवरलोडिंग का खेल शुरू हो जाता है। ओवरलोड ट्रैक्टर-ट्राली रात में आसानी से सिंगोली से पास हो जाते हैं। लोगों का आरोप है कि यह भी है कि जिम्मेदार अधिकारियों के साथ सत्ता पक्ष के राजनेताओं की कमाई का जरिया बन चुके हैं।
जबकि हाल ही के चंद दिनों पूर्व ही दो मासूम स्कूली छात्रों को
ओवरलोड वाहन से उन्हें मौत के घाट उतार दिया गया था । इसके बावजूद जिम्मेदार अधिकारी व जनता द्वारा चुने हुए जनप्रतिनिधि इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
दूसरी ओर अफसरों की मानें तो नियमानुसार ट्राले का रजिस्टे्रशन केवल कृषि कार्यों को करने के लिए हो सकता है, लेकिन फिर भी सिंगोली क्षेत्र में पत्थरो से भरे ओवरलौड़ जोअवैध रूप से भरकर मुख्य सडको पर आमजन की मौत बनकर दौड़ रहे है ।
रिपोर्ट : दिनेश जोशी