मंदसौर (म.प्र.)। वर्ष 2019 में सामने आए बहुचर्चित सोना लूटकांड में न्यायालय ने शुक्रवार को महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए तीनों आरोपी पुलिसकर्मियों को बरी कर दिया। यह मामला उस समय सुर्खियों में आया था, जब रतलाम से मंदसौर आए एक ज्वेलरी व्यापारी से लाखों रुपये का सोना लूटे जाने की घटना सामने आई थी।
इस घटना में कोतवाली पुलिस ने अपने ही विभाग के तीन पुलिसकर्मियों को आरोपी बनाते हुए उनके खिलाफ मामला दर्ज किया था। आरोप था कि इन पुलिसकर्मियों ने व्यापारी से लूट में संलिप्तता दिखाई।
पांच वर्षों तक चली सुनवाई के दौरान न्यायालय में प्रस्तुत साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर यह साबित नहीं हो सका कि लूट की घटना में तीनों पुलिसकर्मी दोषी थे। न्यायालय ने सभी तथ्यों को सुनने और परीक्षण करने के बाद तीनों को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त करार दिया।
न्यायालय के इस निर्णय के बाद आरोपी पुलिसकर्मियों और उनके परिजनों ने राहत की सांस ली है। इस मामले ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा किया है कि प्रारंभिक जांच में ही दोषियों की पहचान सुनिश्चित करना कितना आवश्यक है।
मंदसौर : हाई प्रोफाइल सोना लूटकांड में बड़ा फैसला, तीन पुलिसकर्मी न्यायालय से हुए बरी
मंदसौर (म.प्र.)। वर्ष 2019 में सामने आए बहुचर्चित सोना लूटकांड में न्यायालय ने शुक्रवार को महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए तीनों आरोपी पुलिसकर्मियों को बरी कर दिया। यह मामला उस समय सुर्खियों में आया था, जब रतलाम से मंदसौर आए एक ज्वेलरी व्यापारी से लाखों रुपये का सोना लूटे जाने की घटना सामने आई थी।
इस घटना में कोतवाली पुलिस ने अपने ही विभाग के तीन पुलिसकर्मियों को आरोपी बनाते हुए उनके खिलाफ मामला दर्ज किया था। आरोप था कि इन पुलिसकर्मियों ने व्यापारी से लूट में संलिप्तता दिखाई।
पांच वर्षों तक चली सुनवाई के दौरान न्यायालय में प्रस्तुत साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर यह साबित नहीं हो सका कि लूट की घटना में तीनों पुलिसकर्मी दोषी थे। न्यायालय ने सभी तथ्यों को सुनने और परीक्षण करने के बाद तीनों को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त करार दिया।
न्यायालय के इस निर्णय के बाद आरोपी पुलिसकर्मियों और उनके परिजनों ने राहत की सांस ली है। इस मामले ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा किया है कि प्रारंभिक जांच में ही दोषियों की पहचान सुनिश्चित करना कितना आवश्यक है।