जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत प्रत्येक ग्राम पंचायत एवं वार्ड में जन सहयोग से कार्यक्रमों का आयोजन
नीमच : जिला प्रशासन द्वारा जिले में आज 14 मई से 17 मई 2025 तक विभिन्न प्रकार के ईकेवायसी करने के लिए विशेष महाअभियान आयोजित किया जा रहा है। इस अभियान के तहत समग्र, खाद्य, आधार, आर.ओ.आर., ईकेवायसी एवं फार्मर रजिस्ट्री का शतप्रतिशत कार्य किया जावेगा। इसके साथ ही अपात्र, पलायन कर चुके हितग्राहियों एवं डूप्लीकेट समग्र को डिलीट करने का कार्य भी इस महाअभियान के तहत किया जावेगा। इस महाअभियान में जिले की सभी ग्राम पंचायतों और शहरी वार्डों में जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत जन सहयोग से श्रमदान के कार्यक्रम आयोजित किए जावेंगे। इन कार्यक्रमों में स्थानीय जनप्रतिनिधियों की सहभागिता भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए है। यह जानकारी कलेक्टर श्री हिमांशु चंद्रा की अध्यक्षता में मंगलवार को कलेक्टोरेट सभाकक्ष नीमच में आयोजित जिला अधिकारियों की बैठक में दी गई। इस मौके पर जिला पंचायत सीईओ श्री अमन वैष्णव, एडीएम श्रीमती लक्ष्मी गामड़, संयुक्त कलेक्टर डॉ.ममता खेड़े, सभी एसडीएम एवं डिप्टी कलेक्टर्स सहित अन्य जिला अधिकारी उपस्थित थे।
बैठक में कलेक्टर श्री चंद्रा ने सभी जिला नोडल अधिकारियों को निर्देश दिए, कि वे इस अभियान के दौरान आवंटित ग्राम पंचायतोंमें अनिवार्य रूप से उपस्थित रहे और जन सहयोग से जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत एक-एक कार्य अवश्य प्रारंभ करवाए। साथ ही क्षेत्र में ईकेवायसी कार्य की प्रगति की मॉनिटरिंग भी करें।
सीएम हेल्पलाईन प्रकरणों का निराकरण करें:- बैठक में सीएम हेल्पलाईन में दर्ज शिकायतों के निराकरण की विभागवार समीक्षा करते हुए कलेक्टर ने सभी विभागों को निर्देश दिए, कि वे 50 व 100 दिवस से अधिक की लंबित शिकायतों को संतुष्टि के साथ निराकृत करवाएं। कलेक्टर ने पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत प्राप्त आवेदनों का सत्यापन करने के निर्देश भी सभी सीएमओ एवं जनपद सीईओ को दिए। सभी सीएमओ को 50 दिवस से उपर की सीएम हेल्पलाईन की सभी शिकायतों का निराकरण कर, ए ग्रेड हांसिल करने के निर्देश दिए।
कलेक्टर ने बैठक में सभी सीएमओ एवं जनपद सीईओ निर्देश दिए, कि संबल योजना के तहत मृत्यु के प्रकरणों में अंत्येष्टी सहायता का नियमानुसार तत्काल भुगतान सुनिश्चित हो। साथ ही 2 लाख रूपये की आर्थिक सहायता का प्रकरण भी तत्काल तैयार कर एक माह में परिवार को आर्थिक सहायता का अनिवार्य रूप से भुगतान किया जाए। इसमें उदासीनता नहीं बरती जाए। कलेक्टर ने सभी एसडीएम को उपखण्ड स्तर पर प्रतिमाह बीएल बी.सी. की बैठके आयोजित कर, विभिन्न स्वरोजगार एवं हितग्राहीमूलक योजनाओं की लक्ष्यपूर्ति की नियमित रूप से समीक्षा करने के निर्देश भी दिए।