पहलगाम हमले के बाद गुजरात में 500 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए चरमपंथी हमले में 26 लोगों की मौत के बाद से पूरा देश शोक में है. इस हमले में मारे जाने वाले लोगों में तीन गुजरात से थे.
हमले के बाद, भारत सरकार ने पाकिस्तान को दोषी ठहराया और सिंधु जल संधि को निलंबित करने के साथ-साथ पाकिस्तानी नागरिकों को दिए जाने वाले वीज़ा रद्द कर दिए.
फिर शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को निर्देश दिया कि वो अपने राज्यों में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों की पहचान करें और उन्हें वापस भेजने के लिए उचित कार्रवाई करें.
इसके बाद, शनिवार सवेरे गुजरात के अहमदाबाद और सूरत में स्थानीय पुलिस ने कथित बांग्लादेशियों और अन्य विदेशी नागरिकों समेत 500 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया. ये लोग कथित तौर पर अवैध रूप से भारत आए थे.
गुजरात पुलिस की इस कार्रवाई के बाद पुलिस काफिले की तस्वीरें और हिरासत में लिए गए लोगों की भीड़ के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए.
वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि काफिले के दोनों तरफ पुलिसकर्मियों की कतारें हैं और बड़ी संख्या में हिरासत में लिए गए लोग, जिनमें पुरुष और महिलाएं भी शामिल हैं, वे काफिले के बीच में चल रहे हैं.
एक अन्य वीडियो में हिरासत में लिए गए कई लोग पुलिस के काफिले के बीच कतारों में बैठे नज़र आ रहे हैं.
अब तक मिली जानकारी के अनुसार पुलिस ने यह कार्रवाई गुजरात के अहमदाबाद के चंदोला, सूरत के कुछ इलाकों, राजकोट और महिसागर जिले में की है.
राजकोट से बीबीसी के सहयोगी बिपिन टंकरिया ने बताया, "राजकोट पुलिस, क्राइम ब्रांच, स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप और अन्य शाखाओं ने मिलकर देर रात ऑपरेशन चलाया, जिसमें 10 से ज़्यादा संदिग्धों को हिरासत में लिया गया."
पुलिस के अनुसार, "बांग्लादेशी कारीगरों के लिए पहले भी चर्चा में रहे सोनी बाज़ार के अलावा भगवतिपुरा, रसूलपुरा और हुसैनी चौक इलाक़ों में भी जांच की गई."
पुलिस ने क्या बताया?
संयुक्त पुलिस आयुक्त शरद सिंघल ने बताया कि इसके लिए पुलिस ने सवेरे दो बजे से अभियान चलाया था
अहमदाबाद क्राइम ब्रांच के संयुक्त पुलिस आयुक्त शरद सिंघल ने शनिवार को इस कार्रवाई के बारे में और जानकारी दी.
उन्होंने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, "हमें गृह राज्य मंत्री, डीजीपी और अहमदाबाद पुलिस कमिश्नर ने अहमदाबाद में रह रहे घुसपैठियों को पकड़ने का निर्देश दिया था. उसी के आधार पर अप्रैल 2024 से अब तक क्राइम ब्रांच ने इस संबंध में दो एफ़आईआर दर्ज की हैं और अवैध रूप से रह रहे 127 बांग्लादेशियों को पकड़ा गया है. इनमें से 77 को डिपोर्ट किया गया और कुछ के आदेश आना बाक़ी हैं."
"पकड़े गए लोगों के इनपुट्स के आधार पर पता चला कि चंदोला के आसपास बड़ी संख्या में बांग्लादेशी रह रहे हैं. आज सुबह से ही डीसीपी ज़ोन 6, डीसीपी क्राइम, डीसीपी एसओजी समेत अब तक हमने 457 लोगों को हिरासत में लिया है. इनसे क्राइम ब्रांच ऑफ़िस में पूछताछ की जाएगी. अगर इन लोगों के बांग्लादेशी नागरिक होने की पुष्टि हो जाएगी और ये साबित हो जाएगा कि अवैध तरीके से ये भारत में घुसे हैं और इन्होंने यहां आकर अपने पहचान पत्र बनवाए हैं, तो हम इन्हें डिपोर्ट करने की प्रक्रिया शुरू करेंगे."
यह पूछे जाने पर कि लोगों की बांग्लादेशी नागरिक होने की पहचान कैसे की जाती है, शरद सिंघल ने बताया कि इसके कई तरीके हैं.
उन्होंने कहा, "कई इनपुट्स के आधार पर हम इसकी पुष्टि करते हैं. जैसे कि उन्होंने अपना पहचान पत्र कब बनवाया, उनका जन्म कब और कहां हुआ, उनके माता-पिता कहां हैं. इसके अलावा, ये पता लगाया जाता है कि वो अभी किसके साथ संपर्क में हैं और उन्होंने बांग्लादेश का दौरा कब किया था. ये सब जानकारी जुटाकर यह प्रक्रिया पूरी की जाती है. बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों के साथ यहां तलाशी अभियान शुरू किया. अभियान सवेरे दो बजे से चलाया गया है."
गुजरात सरकार का कहना है कि राज्य में अवैध रूप से रह रहे लोगों को पकड़ने के लिए यह अब तक का सबसे बड़ा अभियान है.
गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने कहा है कि इस अभियान में अब तक कुल एक हज़ार से अधिक अवैध तरीके से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों को हिरासत में लिया गया है, इनमें अहमदाबाद से 890 और सूरत से 134 लोग शामिल हैं.
उन्होंने सूरत में एक संवाददाता सम्मेलन में बताया, "गुजरात पुलिस का ये अब तक का सबसे बड़ा अभियान है. इसमें अवैध रूप से रहने वाले एक-एक नागरिक को निकाला जाएगा. इन सभी बांग्लादेशी लोगों ने बंगाल से, अवैध फर्जी दस्तावेज़ बनाए थे और उसके आधार पर भारत के अलग-अलग राज्यों में रह रहे चुके हैं. कुछ लोग नशीले पदार्थों के व्यापार या मानव तस्करी में भी शामिल हैं."
हर्ष संघवी ने दावा किया कि पहले गिरफ्तार किए गए कुछ लोग चरमपंथी संगठन अल-कायदा के लिए स्लीपर सेल के रूप में काम कर रहे थे.
उन्होंने कहा, "हमने देखा कि पहले गिरफ्तार किए गए चार बांग्लादेशियों में से दो अल-कायदा के लिए स्लीपर सेल के रूप में गुजरात में काम करते थे. इन सभी बांग्लादेशियों का बैकग्राउंड और उनकी सभी गतिविधियों की जांच की जा रही है."
हर्ष संघवी ने राज्य में अवैध रूप से रह रहे लोगों को चेतावनी दी और कहा, "मैं सभी लोगों को स्पष्ट संदेश देना चाहता हूं. अगर आप बांग्लादेशी हैं और अवैध तरीके से गुजरात में रह रहे हैं तो पुलिस स्टेशन जाकर आत्मसमर्पण कर दें, नहीं तो पुलिस उनके घर जाएगी और उन्हें गिरफ्तार करेगी. इन लोगों के ख़िलाफ़ सख्त कार्रवाई की जाएगी. राज्य के सभी कोनों में इसी दिशा में काम करने के निर्देश दिए गए है."