ओमप्रकाश क्षत्रिय की रचनाएं पश्चिम बंगाल में तृतीय भाषा के पाठ्यक्रम में शामिल

Like 3 Views 77
SSE NEWS NETWORK (Neemuch) 05-03-2024 Life Style

कोलकाता : पश्चिम बंगाल में एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए, निजी शिक्षण संस्था के प्रकाशक ने ओमप्रकाश क्षत्रिय की दो रचनाओं - "पेंसिल की कहानी" और हास्य नाटिका "गजानंद गंजे" को कक्षा छठी से आठवीं के बीच पढ़ाई जाने वाले राजभाषा परिचय भाग 3 में शामिल किया है। यह निर्णय राष्ट्रीय पाठ्यचर्या नीति 2022 के तहत निजी शिक्षण संस्था द्वारा लिया गया है।

"पेंसिल की कहानी" एक प्रेरणादायक कहानी है जो एक पेंसिल के जीवन और संघर्षों को दर्शाती है। यह कहानी बच्चों को सिखाती है कि जीवन में कठिनाइयों का सामना कैसे करें और सफलता प्राप्त करें। "गजानंद गंजे" एक हास्य नाटिका है जो एक गंजे व्यक्ति की कहानी बताती है जो अपनी गंजेपन को लेकर चिंतित रहता है। यह नाटिका बच्चों को हंसाने के साथ-साथ उन्हें आत्मविश्वास और स्वीकृति के महत्व का भी पाठ सिखाती है।

यह निर्णय शिक्षा जगत में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाला है। यह बच्चों को साहित्य और कला के प्रति प्रेरित करेगा और उन्हें अपनी भाषा और संस्कृति से जोड़ेगा। यह निर्णय राष्ट्रीय पाठ्यचर्या नीति 2022 के लक्ष्यों को पूरा करने में भी मददगार होगा, जिसके तहत बच्चों को स्थानीय भाषाओं और संस्कृति से जोड़ने पर विशेष ध्यान दिया गया है।

ओमप्रकाश क्षत्रिय एक प्रसिद्ध लेखक और कवि हैं जिन्होंने हिंदी और मराठी भाषा में कई रचनाएं लिखी हैं। उनकी रचनाएं बच्चों और वयस्कों दोनों के बीच लोकप्रिय हैं।

निजी शिक्षण संस्था ने यह निर्णय शिक्षा में विविधता लाने और बच्चों को विभिन्न भाषाओं और संस्कृतियों से परिचित कराने के लिए लिया है। यह निर्णय शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है और इसका स्वागत किया जाना चाहिए।