बड़ी खबर : एनडीपीएस एक्ट की धारा 8/15 व 8/29 को समाप्त करने की मांग को लेकर बड़ा आन्दोलन किया जाएगा : कांग्रेस नेता जोकचंद्र कांग्रेस नेता जोगचंद्र

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SSE NEWS NETWORK (Mandsaur) 20-12-2023 National

दो वर्ष पुराने प्रकरण में हरसोल आई राजस्थान पुलिस, प्रकरण में शामिल भाजपा नेता के साथ एक युवक को जबरन ले जा रही थी,  ग्रामीणजनो के विरोध करने बाद एक व्यक्ति को छोडना पड़ा  पुलिस कों
                                                                         
मंदसौर : एनडीपीएस एक्ट के 2 वर्ष पुराने प्रकरण को लेकर गांव हरसोल से एक युवक को ले जा रही राजस्थान की गोगुन्दा पुलिस की कार्रवाई विरोध हुआ। किसान नेता श्यामलाल जोकचन्द के विरोध के बाद एक युवक को छोड़ना पड़ा। जबकि इसी मामले में एक भाजपा नेता व पूर्व सरपंच का नाम शामिल होने पर पुलिस उसे साथ ले गई। जानकारी के अनुसार सन् 2021 में एनडीपीएस एक्ट की धारा 8/15 के एक मामले में राजस्थान के चित्तोड़गढ़ जिले की गोगुन्दा पुलिस मंगलवार को सुबह प्रातः 7 बजे नारायणगढ थानान्तर्गत गांव हरसोल पहंुची। पुलिस ने भाजपा नेता व पूर्व सरपंच शम्भूलाल शर्मा व युनूस पिता मोहम्मद नूर मन्सूरी को पकड़ा व साथ ले जाने लगी। कार्रवाई का ग्रामीणों ने विरोध किया, ग्रामीणों का विरोध था कि इस तरह बिना संबंधित थाना पुलिस को सूचना दिए आप यहां से दोनों को नही ले जा सकते। ग्रामीणों की सूचना पर किसान नेता श्यामलाल जोकचन्द ने राजस्थान की गोगुन्दा पुलिस के अधिकारी चर्चा की तो उनका कहना था कि 2021 में बने 8/15 के पुराने प्रकरण में पकड़ाए आरोपी ने इनका नाम बताया था, इस आधार पर दोनों को ले जाने आए है। इस दौरान पुलिस आरोपी को नारायणगढ़ थाने पर ले आई। राजस्थान के पुलिस अधिकारी का कहना था कि हरसोल के शम्भूलाल शर्मा का नाम डोडाचूरा प्रकरण में 2021 में पकड़ाए आरोपी ने बताया था, उसमें उनके खिलाफ धारा 8/29 में केस दर्ज है। शम्भूलाल ने इस मामले में युनूस पिता मोहम्मद नूर मन्सूरी का नाम बताया है, इस आधार पर इसको भी ले जा रहे है। जोकचन्द ने पुलिस अधिकारियों से दस्तावेज भी चेक किए, जिसमें शम्भूलाल का नाम शामिल था। लेकिन युनूस का नाम नही था। इस पर जोकचन्द सहित ग्रामीणों ने कार्रवाई का विरोध जताते हुए कहा कि 2 वर्ष पुराने प्रकरण में जिस व्यक्ति का नाम लिया था उसे ले जा सकते है, लेकिन इस तरह एक अन्य को साथ नही ले जाया जा सकता है, वहीं शम्भूलाल को ले जाने की तस्दीक भी संबंधित नारायणगढ़ पुलिस को नही दी गई। विरोध के बाद राजस्थान की गोगुन्दा पुलिस ने युनूस को छोड़ दिया। वहीं शम्भूलाल को पुलिस साथ ले गई। इस अवसर पर कृषि मंडी के पूर्व अध्यक्ष बंशीलाल पाटीदार, पूर्व सरपंच धर्मेन्द्र धनगर, सुनील दिवाणिया, रघुवीरसिंह सोनगरा, सुन्दरलाल पहिरार, शिवनारायण पाटीदार, युसूफ मन्सूरी सहित ग्रामीणजन उपस्थित थे।
पुलिस के लिए कमाई का जरीया बना एनडीपीएस एक्ट:-
किसान नेता श्यामलाल जोकचन्द ने आरोप लगाया कि मंदसौर, नीमच जिले के साथ ही आस-पास सीमा क्षेत्र से लगे राजस्थान पुलिस के थानों के लिए एनडीपीएस एक्ट कमाई का जरीया बना हुआ है। पुलिस खुद पार्टी बनकर फर्जी एनडीपीएस एक्ट के केस बनाकर लाखों रुपए की वसूली कर रही है। राजस्थान की गोगुन्दा पुलिस संबंधित नारायणगढ़ थाने पर बिना तस्दीक किए ही गांव के बेगुनाह युवक को साथ ले जा रही है, इसके पीछे साफ आशय था कि युवक को छोड़ने के बदले उनके परिजनों से लाखों रुपए की रिश्वत पुलिस अधिकारी लेते, लेकिन ग्रामीणों की सर्तकता के चलते वह फर्जीवाड़ा नही कर पाए। जोकचन्द ने आरोप लगाया कि एनडीपीएस एक्ट प्रकरण में पुलिस करोड़ों रुपए की वसूली कर रही है, जबरन किसानों को फर्जी केस में फसाया जा रहा है। एनडीपीएस एक्ट में 8/29 के बाद कोई धारा नही होती है, उसके बाद भी 8/29 में पकड़ाए आरोपी से भी पूछताछ कर उसके द्वारा लिए गए नाम के आधार पर व्यक्ति को पकड़कर लाखों की वसूलियां की जा रही है। जोकचन्द ने आरोप लगाया कि सत्तारुढ़ भाजपा के नेताओं व जनप्रतिधियों की शह पर किसानों को लूटा जा रहा है। चुनाव में लगने वाले खर्च को फर्जी एनडीपीएस एक्ट की कार्रवाईयां कर किसानों से वसूल किया जाता है। चुनाव में धार्मिक स्थलों पर व समाज में धर्मशाला व बर्तन के लिए जो राशि जनप्रतिनिधि देते है, वही राशि फिर पुलिस के माध्यम से फर्जी कार्रवाईयां कर वसूल कर रहे है। किसानों को जागरुक होना पड़ेगा व इसी तरह फर्जी प्रकरणों का डटकर मुकाबला करना पड़ेगा। अन्यथा जनप्रतिनिधि पुलिस के माध्यम से किसानों पर अत्याचार करते रहेंगे। जोकचन्द ने बताया कुछ माह पूर्व एक ट्रक ड्राइवर के खिलाफ अफीम का फर्जी प्रकरण बनाने के मामले में उत्तरप्रदेश के आगरा जिले में मंदसौर जिले के 11 पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ केस दर्ज हुआ था। वहीं कुछ दिनों पहले राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले के हथुनिया पुलिस थाने में भी मंदसौर जिले के 7 पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ 50 लाख रुपए की रिश्वत नही देने पर स्मेक का फर्जी केस बनाने पर न्यायालय के आदेश पर प्रकरण दर्ज हो चुका है। लेकिन उसके बाद भी लगातार पुलिस की फर्जी कार्रवाईयां जारी है। बेगुगाह किसानों पर फर्जी प्रकरण लादे जा रहे है। एफआईआर में उनका नाम नही होने के बाद भी रातों-रात उन्हें घर से उठा लिया जाता है व छोड़ने के एवज में परिजनों से लाखों रुपए की रिश्वत की पेशकश की जाती है। जोकचन्द ने कहा कि शीघ्र ही एनडीपीएस एक्ट की धारा 8/15 व 8/29 को समाप्त करने की मांग को लेकर बड़ा आन्दोलन किया जाएगा।


रिपोर्ट : सुरेश डांगी