ई-अटेंडेंस का फिर निकला जिन्द 08 वर्षों में लागू नहीं हो पाई ई-अटेंडेंस योजना

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Public Reporter (Jabalpur) 11-10-2022 Regional

जबलपुर। स्कूल शिक्षा विभाग में नित्य नय प्रयोग हात रहत है, जिसमें शासन के पंसा की होली की जाती है, किन्तु इस का लाभ छात्रों को नहीं मिल पाता है प्रदेश का शिक्षा विभाग देश में आखरी पायदान पर है यह विचारणीय प्रशान हैं एसी योजना बनाने दाल कमी शासकीय विद्यालय में नहीं पड़े न पढाये हैं। यू ता ई-अटेंडे स योजना वर्ष 2014 से अमल में आनी थी, किन्तु शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों के निकम्म पन के चलते यह याजना दार-दार अमल में लाने का फरमान जारी किया जाता है फिर इस लंड दस्त में बन्द कर दिया जाता है। एक फिर ई-अटेंडेस लागू होने से शिक्षा विभाग का अमला परेशान नजर आ रहा क्यूकि प्राचार्य/प्रधानाध्यापक का विद्यालय में पदस्थ स्टाफ के साथ-साथ प्रत्यक छात्र/छात्राओं की भी ई-अटेंडेंस दर्ज की जाना है, जिस विद्यालय में हजारों छात्र अध्ययनरत हैं वहां पर ता ई-अटेंडेंस दर्ज करने में आधा दिन तमाम हा जायेगा, जिससे पढाई ता चोपट हाना तय है, इसस ऐसा प्रतीत होता है कि शिक्षा विभाग के आला अधिकारी शिक्षका से यह अपेक्षा करते हैं की वह पढाई छोड अन्य सारे देगार करें। विभाग यह हाल जद से हुआ जदस प्रौढ शिक्षा अधिकारी उच्च पदों पर विचारमान हुए हैं इनके द्वारा चालू की गई योजनाओं में ब्लाक स्तर के मॉडल स्कूल तथा सी.एम राईज स्कूल खोले गये किन्तु इन स्कूलों में आज तक मूलभूत सुविधायें तथा पर्याप्त शिक्षक तक उपलब्ध नहीं कराये गये जिससे यह योजना दम तोड़ती नजर आ रही हैं। योजनाओं के नाम पर सिर्फ पैंसा की होली खेली जा रही है प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह चौपट हो गई है।


मुकेश सिंह & योगेन्द्र दुबे