स्‍व-सहायता समूह से जुडकर आर्थिक रूप से आत्‍मनिर्भर बनी दुर्गाबाई

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SSE NEWS NETWORK (Neemuch) 16-09-2022 Career

नीमच - नीमच जिले की मनासा तहसील के खानखेडी निवासी श्रीमती दुर्गाबाई के घर की स्थिति दयनीय थी। दुर्गा कृषि के सहारे अपना व परिवार का भरण पोषण करती थी। उसके घर में कुल 6 सदस्य है। दुर्गा ने 30 हजार रूपये का साहुकारो से ऋण लिया था,  जिससे वे अच्‍छे से कृषि कार्य कर सके। ब्याज पर प्राप्‍त ऋण का बोझ दुर्गा के परिवार पर बढता गया। उसे ऋण चुकाने के लिये अधिक मेहनत करने के लिये भटकना पड रहा था। ऐसे में दुर्गा को म.प्र.डे राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा संचालित समूह के बार में पता चला। दुर्गा ने उक्‍त समूह से सम्पर्क कर स्व-सहायता समूह की जानकारी प्राप्‍त की ।तदपश्चात जय अम्‍बे स्‍व-सहायता समूह का गठन किया ।

     समूह में दुर्गा ने कृषि से 100 रूपये प्रतिमाह बचत कर जमा की और समूह से 10 हजार रूपये का ऋण प्राप्त किया। स्‍वंय की बचत कर 10 हजार रूपये ब्‍याज सहित समय पर ऋण चुका दिया। तदपश्चात दुर्गा ने आजीविका की आवश्‍यकता के लिए समूह से 40 हजार रूपये का ऋण लिया। जिससे उसने किराने का एवं कृषि कार्य के लिए सामान क्रय किया। इससे उसे आजीविका के लिए अच्‍छी आमदनी प्राप्त होने लगी। वर्तमान में दुर्गा,ग्राम संगठन पिपलियाखुर्द की अध्‍यक्ष है। उसने संगठन से 75 हजार रूपये का ऋण प्राप्त कर, दुर्गा ने आजिवीका के लिए किराने की दुकान प्रारंभ की। वर्तमान में उसे 8 से 10 हजार रूपये प्रतिमाह की आय प्राप्‍त हो रही है। जिससे वह अच्‍छे से अपनी आजिवीका चला रही है। वे कहती है,कि स्‍व-सहायता समूह से जुडकर वह आर्थिक रूप से आत्‍मनिर्भर बन गई है।

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