मंदसौर। डिजिटल युग में जहां सुविधाएं बढ़ी हैं। वहीं साइबर अपराधियों ने भी ठगी के नए-नए तरीके अपनाने शुरू कर दिए हैं। ऐसा ही एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। जिसमें एक युवक को फर्जी कॉल के माध्यम से ठगों ने अधिकारी बनकर डराया, धमकाया और उससे बड़ी राशि की मांग की। मामले के अनुसार, युवक को एक अज्ञात नंबर से फोन आया। फोन करने वाले ने खुद को एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी बताया और युवक को झूठे आरोपों में फंसाने की बात कहकर डराया। इसके बाद ठग ने ₹50,000 से ₹1.5 लाख रुपये तक की डिमांड की। करीब दो से तीन घंटे तक लगातार कॉल कर युवक को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया। इस मानसिक दबाव से आहत होकर युवक डिप्रेशन की स्थिति में पहुंच गया। वह भय और असमंजस में आ गया था कि कहीं उसे सच में किसी कानूनी कार्रवाई का सामना तो नहीं करना पड़ेगा। इसी दौरान परिवार और मित्रों की समझदारी और साइबर जागरूकता के चलते युवक को समय रहते सही सलाह दी गई और उसे विश्वास दिलाया गया कि यह एक ठगी की कोशिश है। युवक ने इस पूरे मामले में अपना नाम गोपनीय रखने का अनुरोध किया है। इस घटना से स्पष्ट है कि साइबर अपराधी अब आम लोगों की भावनाओं, डर और कानून के प्रति सम्मान का गलत फायदा उठा रहे हैं।
प्रशासन की अपील – डरें नहीं, सतर्क रहें:-
प्रशासन और साइबर सेल ने नागरिकों से अपील की है कि अगर किसी को इस प्रकार का कॉल प्राप्त होता है, जिसमें कोई स्वयं को अधिकारी बताकर डराता है और पैसे की मांग करता है, तो घबराएं नहीं। तत्काल नजदीकी साइबर सेल या पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराएं।
महत्वपूर्ण सुझाव-:
किसी भी अज्ञात नंबर से आई कॉल पर व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें।
कोई व्यक्ति अगर पैसे की मांग करे, तो तुरंत सतर्क हो जाएं।
ऐसे मामलों में मानसिक रूप से मजबूत बने रहें और परिजनों से सलाह लें।
1930 साइबर ठगी की शिकायत हेल्पलाइन पर कॉल करें।
यह घटना न केवल एक व्यक्ति की सतर्कता की मिसाल है, बल्कि समाज को साइबर सुरक्षा के प्रति और जागरूक होने की जरूरत का भी संकेत देती है।